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परम आदरणीय महामहिम राज्यपाल श्री देवव्रतजी आचार्य को निमंत्रित हेतु
श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा
- Posted On:
- Feb 18 , 2022
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प्रबुद्ध महानुभावों,
आपको विदित होगा कि परम आदरणीय ऋषि संत श्री दत्तशरणजी महाराज गौधाम तीर्थ पथमेड़ा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सभा हेतु नारायणी हाईट्स में पधारे थे। इस सभा में परम आदरणीय महामहिम राज्यपाल श्री देवव्रतजी आचार्य को निमंत्रित करने हेतु आदरणीय महाराज श्री के पट शिष्ट विठ्ठलकृष्णजी एवं आलोकजी के संग समाजश्रेष्ठी गोपीरामजी गुप्ता, सुभाषजी जोड़िवाल, मुकेशजी चाचान, ललितजी अग्रवाल एवं राजीव गुप्ता की राजभवन में महामहिम राज्यपालश्री से भेट हुई।
महामहिम श्री ने बताया कि, जननी-जन्मभूमि को समस्याओं से बचाने एवं गौमाता की रक्षा का उपाय कम लागत एवं प्राकृतिक कृषि है। जिसमें गौमाता चाहे वह देशी हो या किसी भी नस्ल की, उसका गोबर एवं गौमूत्र महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खेती इतनी सरल है कि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बचेगी, जल की खपत 70 प्रतिशत कम हो जाएगी, इससे गौमाता बचेगी, इस खेती से किसान ऋणी होने से बचेगा, इस खेती से पर्यावरण बचेगा, इस खेती से बीमारी से मरने वाले लोग बचेंगे। इस एक काम से कम से कम 6 कार्य सिद्ध होंगे। तो भला इस नेक काम को हम क्यों न अपनायें ? यह ईश्वरीय कार्य है, इसलिए हम सबको मिल-जुलकर इसे अपनाना है तथा प्रचारित करना है। महामहिम श्री ने बताया कि कुछ महान मनीषी इस कार्य में दिन-रात जुटे हुए भी हैं।
उनका सुझाव था कि किसानों में इस हेतु जागृत्ति लाने के लिए ट्रेनिंग सेन्टर्स खोले जाए, जिनमें वे अपना ट्रेनर तक भेजने को तैयार हैं। साथ ही उनका सुझाव था कि गायों की नस्ल के सुधार हेतु भी योग्य प्रयत्न करने चाहिए। किसानों में जागरुकता आने से अभी जो गाय माताओं के लालन-पालन हेतु विभिन्न गौशालाओं को प्रयत्नरत रहना पड़ता हैं, उसमें राहत मिलेगी। गौमाताओं को किसान राजी-राजी अपने खूंटे पर ले जाएगा। कारण की उनमें जागरुकता आने से गौमाता के प्रति उनमें श्रद्धा भाव बढ़ेगा, उनको गौमाता के महत्व का ज्ञान होगा एवं इस प्रकार गौवंश की रक्षा भी हो पाएगी तथा कृषि उत्पादों में अभूतपूर्व सुधार होगा, किसान समृद्ध होगा, गोबर खाद से उत्पन्न शुद्ध अन्न-फल इत्यादि के प्रयोग से रोग कम होंगे, पर्यावरण में सुधार होगा, भूमि बंजर होने से बचेगी एवं इस प्रकार देश हर तरह से समृद्ध बनेगा।
धन्यवाद
राजीव गुप्ता – नारायणी हाईट्स
गौमाता की जय
आपको विदित होगा कि परम आदरणीय ऋषि संत श्री दत्तशरणजी महाराज गौधाम तीर्थ पथमेड़ा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सभा हेतु नारायणी हाईट्स में पधारे थे। इस सभा में परम आदरणीय महामहिम राज्यपाल श्री देवव्रतजी आचार्य को निमंत्रित करने हेतु आदरणीय महाराज श्री के पट शिष्ट विठ्ठलकृष्णजी एवं आलोकजी के संग समाजश्रेष्ठी गोपीरामजी गुप्ता, सुभाषजी जोड़िवाल, मुकेशजी चाचान, ललितजी अग्रवाल एवं राजीव गुप्ता की राजभवन में महामहिम राज्यपालश्री से भेट हुई।
महामहिम श्री ने बताया कि, जननी-जन्मभूमि को समस्याओं से बचाने एवं गौमाता की रक्षा का उपाय कम लागत एवं प्राकृतिक कृषि है। जिसमें गौमाता चाहे वह देशी हो या किसी भी नस्ल की, उसका गोबर एवं गौमूत्र महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खेती इतनी सरल है कि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बचेगी, जल की खपत 70 प्रतिशत कम हो जाएगी, इससे गौमाता बचेगी, इस खेती से किसान ऋणी होने से बचेगा, इस खेती से पर्यावरण बचेगा, इस खेती से बीमारी से मरने वाले लोग बचेंगे। इस एक काम से कम से कम 6 कार्य सिद्ध होंगे। तो भला इस नेक काम को हम क्यों न अपनायें ? यह ईश्वरीय कार्य है, इसलिए हम सबको मिल-जुलकर इसे अपनाना है तथा प्रचारित करना है। महामहिम श्री ने बताया कि कुछ महान मनीषी इस कार्य में दिन-रात जुटे हुए भी हैं।
उनका सुझाव था कि किसानों में इस हेतु जागृत्ति लाने के लिए ट्रेनिंग सेन्टर्स खोले जाए, जिनमें वे अपना ट्रेनर तक भेजने को तैयार हैं। साथ ही उनका सुझाव था कि गायों की नस्ल के सुधार हेतु भी योग्य प्रयत्न करने चाहिए। किसानों में जागरुकता आने से अभी जो गाय माताओं के लालन-पालन हेतु विभिन्न गौशालाओं को प्रयत्नरत रहना पड़ता हैं, उसमें राहत मिलेगी। गौमाताओं को किसान राजी-राजी अपने खूंटे पर ले जाएगा। कारण की उनमें जागरुकता आने से गौमाता के प्रति उनमें श्रद्धा भाव बढ़ेगा, उनको गौमाता के महत्व का ज्ञान होगा एवं इस प्रकार गौवंश की रक्षा भी हो पाएगी तथा कृषि उत्पादों में अभूतपूर्व सुधार होगा, किसान समृद्ध होगा, गोबर खाद से उत्पन्न शुद्ध अन्न-फल इत्यादि के प्रयोग से रोग कम होंगे, पर्यावरण में सुधार होगा, भूमि बंजर होने से बचेगी एवं इस प्रकार देश हर तरह से समृद्ध बनेगा।
धन्यवाद
राजीव गुप्ता – नारायणी हाईट्स
गौमाता की जय